पूर्णिया, बिहार । कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष श्री श्याम मोहन झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नगर निगम पूर्णिया के नगर आयुक्त आरिफ अहसन ने मेरे साथ खुन्नस में आकर प्रताड़नापूर्ण, भेदभावपूर्ण, अन्यायपूर्ण एवं अवैध कार्यवाही किया है। नगर आयुक्त, आरिफ अहसन ने मेरे ऊपर निगरानी वाद (संख्या 14/22-23) चलाकर, अपने अहंकार और रौब झाड़ने हेतु पूर्णतः भ्रामक रिपोर्ट बनवाकर मेरे ऊपर 10 लाख रुपये का जुर्माना आरोपित करते हुए मेरे विद्यालय के भवन को सील करवा दिया है।
नगर आयुक्त, आरिफ अहसन के आदेश ज्ञापांक 68 के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी, सदर पूर्णिया के ज्ञापांक 414 गो0 दिनांक 04 मार्च 2023 के आदेशानुसार प्रखंड विकास पदाधिकारी, पूर्णिया पूर्व ने मैजिस्ट्रेट के रूप में पुलिस दल बल के साथ मेरे विद्यालय भवन को दिनांक 6 मार्च 2023 को सील कर दिया। मेरे विद्यालय भवन के सील किए जाने की जानकारी पूर्णिया के प्रत्येक नागरिक, मीडिया, जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन को भी है। इस अन्यायपूर्ण कार्यवाई के खिलाफ मैंने कई धरना प्रदर्शन भी किए हैं जिनकी मीडिया कवरेज भी हुई है। उक्त अन्यायपूर्ण आदेश और प्रताड़नापूर्ण कार्यवाई के खिलाफ जब मैंने माननीय उच्च न्यायालय, पटना में WRIT (केस संख्या 5509/2023) दायर कर न्याय का गुहार लगाया तो दिनांक 18 अप्रैल 2023 को न्यायमूर्ति श्री सत्यव्रत वर्मा जी के समक्ष पेश होकर नगर निगम के माननीय अधिवक्ताओं श्री पुष्कर नारायण शाही एवं श्री बिजेंद्र कुमार सिंह ने विद्यालय भवन के सील करने की बात को सिरे से नकार दिया और माननीय न्यायमूर्ति के समक्ष शपथ लेते हुए कहा कि विद्यालय के भवन को सील नहीं किया गया है।
माननीय उच्च न्यायालय में नगर निगम के ओर से नियुक्त अधिवक्ताओं ने किस आधार पर विद्यालय भवन को सील नहीं करने की बात शपथपूर्वक कहा? जबकि विद्यालय भवन को सील करते समय का वीडियोग्राफी भी विभिन्न मीडिया बंधुओं द्वारा किया गया है, विभिन्न समाचारपत्रों ने भी इसे छापा है? क्या नगर निगम आयुक्त, आरिफ अहसन ने अवैध रूप से मेरे विद्यालय भवन को सील करवा कर मुझे सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित करने का प्रयास किया है? जिस बात की चर्चा मैंने दर्जनों बार किया भी है।
श्री झा ने आगे कहा कि आपके सम्मानित मीडिया के माध्यम से मैं नगर आयुक्त, आरिफ अहसन से जानना चाहता हूँ कि एक तरफ वे मेरे विद्यालय भवन को सील करवाते हैं, मुझे प्रताडित करते हैं वहीं दूसरी तरफ अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में शपथपूर्वक बयान दिलवाते हैं कि विद्यालय भवन सील किया हीं नहीं गया है, इस सब के पीछे नगर आयुक्त, आरिफ अहसन की मंशा आखिर क्या है? यदि दो दिनों के अंदर मेरे विद्यालय भवन को सीलमुक्त नहीं किया जाता है तो मुझे मजबूरन पुनः माननीय पटना उच्च न्यायालय के शरण में जाने हेतु बाध्य होना पड़ेगा।
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