हैदराबाद- ओवैसी जेल क्यों नहीं जा रहा है?
इस सवाल का जवाब ढूंढना जरूरी है।
क्या ओवैसी किसी सरकार में मुख्यमंत्री थे? नहीं, मुख्यमंत्री ही नहीं थे तब व्यापम और आदर्श जैसा कोई घोटाला तो हुआ नहीं होगा।
क्या ओवैसी किसी सरकार में मंत्री थे? नहीं, जब मंत्री नहीं थे तब अलकतरा जैसा घोटाला तो किया नहीं होगा।
क्या किसी निगम/विभाग/बोर्ड के चेयरमैन थे?
नहीं, फिर कोई फ़ाइल को अगल-बगल करके माल तो कमाया नहीं होगा।
फिर ओवैसी को भाजपा या उसकी मशीनरी जेल क्यों भेजेगी?
ओवैसी के ऊपर वक़्फ़ बोर्ड के जमीन को हड़पकर कॉलेज बनाने का एक मामूली आरोप लगता है।
क्या ओवैसी इस देश का पहला और आखिरी व्यक्ति है जिसने वक़्फ़ की जमीन पर कॉलेज बनाया है?
चलिये मान लेते है कि वह अकेला व्यक्ति है। लेकिन उसके बावजूद भी ओवैसी पर वक़्फ़ की ज़मीन को लेकर मुक़दमा नहीं चल सकता है। इसके दो प्रमुख कारण है। पहला, सरकार कॉलेज खोलने की अनुमति ज़मीन के लीज के कागज़ को देखने के बाद ही देती है। दूसरा, ज़मीन का लीज वक़्फ़ बोर्ड करती है। अब यह वक़्फ़ बोर्ड पर निर्भर है कि वह जमीन एक रुपया में लीज कर रहा है या एक करोड़ में लीज कर रहा है।
अब मेरा सवाल यह है कि अल्पसंख्यक विभाग का मंत्रालय या वक़्फ़ बोर्ड का चेयरमैन ओवैसी के परिवार से है या उनकी पार्टी से है?
जब ऐसा है ही नहीं तो फिर ओवैसी पर जमीन घोटाला का आरोप कैसे लगेगा? आरोप लगेगा भी तो सरकार और वक़्फ बोर्ड के चेयरमैन पर घोटाला का आरोप लगेगा।
क्या आंध्र और तेलंगाना में ओवैसी की सरकार है?
ऐसा भी नहीं है कि ओवैसी जेल नहीं गये है। कुछ साल पहले ही अकबर ओवैसी जेल रहकर ही लौटें है।
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